देब शुद्धो






1989, कोलकाता में जन्में देब शुद्धो ने फ़ोटोग्राफ़ी की शुरुआत 2015 से की। शुरुआती दौर में आप विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ योगदानकर्ता के रूप में जुड़े रहे। वर्त्तमान में आप केवल दीर्घकालिक फ़ोटोग्राफ़ी परियोजनाओं से जुड़े हुए हैं।
देब फ़ोटोग्राफ़ी में संस्थागत रूप से प्रशिक्षित नहीं हैं। आप विभिन्न कार्यशालाओं के माध्यम से फ़ोटोग्राफ़ी सीख रहे हैं। पिछले साल 2019 में आपने सीम रीप, कंबोडिया में अंगकोर फ़ोटोग्राफ़ी कार्यशाला और उत्सव में भाग लिया गया था। आपको हाल ही में VII अकादमी द्वारा मेंटरशिप कार्यक्रम में भाग लेने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की गयी है।
आपने पश्चिमी महाराष्ट्र में सूखा, 2016, पश्चिम बंगाल में बाढ़ 2015-17, बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थी, बंधुआ मज़दूरी, नेपाल भूकंप 2015 और लैंगिक भेदभाव जैसे विषयों पर काम किया है।
वर्तमान में आप सुंदरबन डेल्टा में जलवायु संकट और भारत में प्रवासी मज़दूरों के मुद्दे पर अपनी दीर्घकालिक परियोजना पर काम कर रहे हैं।
आपकी रचनाएँ टाइम पत्रिका, मदर जोन्स पत्रिका, न्यूज़ वीक, हफ़िंगटन पोस्ट, ब्लर पत्रिका, विशिष्ट पत्रिका, अल अरेबिया, डॉयचे प्रेस आदि द्वारा प्रकाशित की जा चुकी हैं। बेटर फ़ोटोग्राफ़ी पत्रिका द्वारा जलवायु संकट पर आपका साक्षात्कार भी प्रकाशित है।